जीवनी
जीवनी को अंग्रेजी में बायोग्राफी कहते हैं। जीवनी व्यक्ति विशेष के जीवन और चरित्र की अभिव्यक्ति करता है यह घटनाओं का अंकन नहीं बल्कि चित्रण है । इसमें लेखक नायक के गुण तथा कर्म का संपूर्ण चित्रण करता है। आत्मकथा में लेखक को अपनी कलम से अपनी कथा लिखता है जबकि जीवनी में लेखक दूसरे के जीवन की कथा लिखता है।
इस विधा का भी प्रारंभ भारतेंदु युग से माना जाता है । उस युग के जीवनी लेखकों में भारतेंदु कार्तिक प्रसाद खत्री राधा कृष्ण दास आदि के नाम से प्रसिद्ध है । इन्होंने संतो कवियों महापुरुषों की जीवनी या लिखी द्विवेदी युग में मात्रा एवं कलात्मक था दोनों ही दृष्टि उसे जीवनी सहित का समर्थन हुआ बनारसीदास चतुर्वेदी, इंद्र, विद्या वनस्पति राहुल आदि ने दर्जनों जीवनी लिखी क्रांतिकारी वीरों महापुरुषों को नायक बनाया गया।
स्वतंत्रता के बाद लिखी गई जीवनीं में प्रेमचंद्र के सुपुत्र अमृतराय कृत कलम का सिपाही मदन गोपाल लिखित कलम का मजदूर तथा रामविलास शर्मा रचित निराला की साहित्य साधना हिंदी जीवनी सहित के गौरव ग्रंथ हैं । जीवनी लेखन का क्रम आज भी अटूट रूप से जारी है कई राजनेताओं सहित कारों और संतों की जीवनी अन्य शिल्पों के माध्यम से उकेरी जा रही है।