अलंकार
काव्य की शोभा बढ़ाने वाले साधनों को अलंकार कहते हैं
अलंकार के भेद
अलंकार के तीन भेद होते हैं
शब्दालंकार जहां शब्द चयन द्वारा कथन में सौंदर्य आता है वहां शब्दालंकार होता है
चंचल चारु चितौनी चितै ।
चित्र चोरती चौगनि चाह भरि।
इस उदाहरण में च आवृत्ति होने के कारण सौंदर्य बढ़ रहा है यदि इन शब्दों के स्थान में पर्यायवाची शब्द रख दिया जाए तो सौंदर्य नहीं रहेगा
अर्थालंकार जहां कथन में अर्थ गत सौंदर्य होता है उसे अर्थालंकार कहते हैं
उदाहरण सुमनों की मुस्कान तुम्हारी इसमें सुमनों के स्थान पर फूलों या पुष्पों को रख देने से अलंकार औऱ अर्थ गत सौंदर्य में कोई अंतर नही पड़ता ।
उभया अलंकार जहां कथन में शब्द गत और अर्थ का दोनों ही प्रकार का चमत्कार हो और सौंदर्य हो वहां उभया अलंकार होता है।
अंगूरी आवरण के बीच दिए ,
सखियन सो बात बनावत देखौं।