लोकतंत्र
लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ लोकतंत्र अंग्रेजी भाषा के डेमोक्रेसी का हिंदी रूपांतरण है डेमोक्रेसी यूनानी शब्द डेमोस और क्रेसिया 2 शब्दों से बना है इन दोनों शब्दों का अर्थ है जनता और शासन इस प्रकार लोकतंत्र जनता का शासन कहां जाएगा।
परंतु लोकतंत्र का प्रयोग कई अर्थों में हुआ है कुछ विचारक लोकतंत्र को राज्य का स्वास्थ्य मानते हैं तो कुछ शासन का रूप कुछ विचारक इसे समाज को एक स्थिति मानते हैं तो कुछ नैतिक आदर्श समाजवादियों ने इसे शासन का एक आर्थिक रूप माना है।
लोकतंत्र राज्य के प्रकार के रूप में राजनीतिक दृष्टि से प्रजातंत्र राज्य का वह स्वरूप है जिसमें संप्रभुता जनता में निहित रहती है जनता ही राज्य शक्ति का स्रोत है और राजनीतिक मामलों में अंतिम निर्णय लेता है।
लोकतंत्र सामाजिक व्यवस्था के प्रकार के रूप में प्रजातंत्र एक ऐसे समाज का निर्माण करता है जिसमें जाति मूल वंश लिंग रंग आदि के आधार पर भेदभाव नहीं होता ऐसे समाज में ऊंच-नीच अमीर गरीब छोटे बड़े छूत अछूत का भेदभाव नहीं होता कानून की दृष्टि से सभी समान होते हैं।
शासन के एक प्रकार के रूप में लोकतंत्र का अर्थ
शासन के 1 प्रकार के रूप में लोकतंत्र उस शासन प्रणाली को कहते हैं जिसमें जनता स्वयं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से संपूर्ण जनता के हित को दृष्टि में रखकर शासन करती है।
दूसरे शब्दों में लोकतंत्र में जनता ही शासक होती है प्रत्येक व्यस्त स्त्री पुरुष को बिना किसी भेदभाव के शासन में भाग लेने का अधिकार होता है इस प्रकार जनता शासन के आदेशों का पालन करने वाली प्रजा मात्र ही नहीं अपितु शासक भी होती है अतः यह कहा जा सकता है कि शासन के प्रकार के रूप में लोकतंत्र के शासन को जनता ही अस्तित्व में लाती है आर्यन शासन संपूर्ण जनता के हितों की रक्षा करता है तथा जनता की इच्छा पर्यंत ही पद आसीन रहता है।
लोकतंत्र के भेद
साधारण लोकतंत्र शासन के दो भेद माने जाते हैं
- प्रत्यक्ष विशुद्ध लोकतंत्र
- अप्रत्यक्ष या प्रतिनिधि लोकतंत्र
प्रत्यक्ष या विशुद्ध लोकतंत्र- जब प्रभुत्व संपन्न जनता आवश्यकता अनुसार सार्वजनिक सभाओं में एकत्रित होकर प्रत्यक्ष रूप से शासन के कार्यों में भाग लेती है नीति निर्धारित करती है कानून बनाती है तथा प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति करके उन पर नियंत्रण रखती है तो उसे प्रत्यक्ष या विशुद्ध लोकतंत्र कहते हैं।
हर्नशा के अनुसार-