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वाक्य किसे कहते है, वाक्य के प्रकार। vakya kise kahte hai

वाक्य की परिभाषा, vakya kise kahte hai

पूर्ण अर्थ की प्रतीति कराने वाले पद समूह को वाक्य कहते हैं -जैसे कविता दूध पीती है।

वाक्य के भेद

अर्थ की दृष्टि से

  1. विधि वाचक-  जिस वाक्य से किसी बात के होने या करने का बोध हो। उदाहरण के लिए – वह आम खाता है राम घर जाता है।
  2. निषेधवाचक – जिस वाक्य से किसी बात के ना होने का बोध हो उदाहरण के लिए वह आम नहीं खाता वह नहीं पड़ता है मेरे पिताजी दफ्तर नहीं गए हैं।
  3. आज्ञा वाचक – जिस वाक्य से किसी तरह की आज्ञा का बोध हो उदाहरण के लिए – तुम घर जाओ ।काम बंद करो।
  4. प्रश्नवाचक – जिस वाक्य से किसी प्रकार के प्रश्न का बोध हो उदाहरण के लिए – तुम क्या कर रहे हो तुम्हारा घर कहां है ।यह कौन सा नगर है।
  5. विस्मयादिबोधक – जिस वाक्य में से विस्मय आश्चर्य दुख घृणा आदि का बोध हो उदाहरण के लिए मेरी- जान निकलती जा रही है। तुम बहुत अच्छा दौड़े।
  6. संदेह वाचक -जिस वाक्य से किसी बात का संदेह संख्या या संभावना प्रगट हो उदाहरण के लिए राम ने लिखा होगा मैंने खाया होगा।
  7. इच्छा वाचक – वाक्य जिससे किसी प्रकार की इच्छा या शुभकामना प्रकट हो उदाहरण के लिए ईश्वर आपकी यात्रा सफल करें ।भगवान तुम्हारा भला करे।
  8. साकेत वाचक – वाक्य जिस वाक्य में संकेत या शर्त का भाव रहता है अर्थात एक वाक्य दूसरे की संभावना पर निर्भर हो उदाहरण के लिए- वर्षा ना होती तो फसल सूख जाता । यदि तुम घर चलो तो मैं भी चलूं।

रचना की दृष्टि से

  1. सरल वाक्य जिस वाक्य में एक ही क्रिया होती है उसे सरल वाक्य कहते हैं ।जैसे मोहन भोजन कर रहा है ।तुम्हें मुझसे पूछ कर यह काम करना था वह पतला दुबला होकर भी शक्तिशाली है। बालक खेल रहे हैं।
  2. मिश्र वाक्य जिस वाक्य में एक साधारण वाक्य अतिरिक्त उसके मिश्रित कोई अन्य साधारण  वाक्य हो तो उसे मिश्र वाक्य कहते हैं ।अथवा जिस वाक्य में सरल वाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन कोई दूसरा अन्य वाक्य हो तो उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।

उदाहरण के लिए

  1. वह वही आदमी है जिसको हमने कल देखा था।
  2. यह वही मैदान है जहां मैं खेला करता था।

इन दोनों वाक्यों में यह वही आदमी है ।तथा वह वही मैदान है यह दोनों मुख्य वाक्य हैं ।तथा जिसको हमने कल देखा था और जहां मैं खेला करता था यह दोनों सहायक वाक्य है। सहायक वाक्य अपने में पूर्ण नहीं होते मुख्य वाक्य के साथ मिलकर उन का अर्थ स्पष्ट करते हैं इसलिए उन्हें मिश्रित तथा आश्रित उपवाक्य भी कहा जाता है उदाहरण के लिए – मेरे पास जो घोड़ी है वह बिगड़ी हुई है।

3 – संयुक्त वाक्य -जिस वाक्य में एक से अधिक मुख्य उपवाक्य हो उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं ।ऐसे वाक्य एक दूसरे के समानाधिकरण होते हैं कोई किसी पर आश्रित नहीं रहता दोनों ही स्वतंत्र रूप से भाव व्यक्त कर सकने में समर्थ रहते हैं।

उदाहरण के लिए

इसमें दोनों ही मुख्य उपवाक्य हैं।

राम घर जाता है और उसके साथ प्रदीप भी घर जा रहा है।

मैं रोटी खा कर लेटा ही था कि पेट में दर्द होने लगा और दर्द इतना बड़ा किसी के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ा।

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