फासीवाद क्या है
फासीवाद अंग्रेजी के fascism का अनुवाद है । इस भाषा में Fascio शब्द से बना है। जिसका अर्थ होता है लकड़ियों का बंधा हुआ बोझ । प्राचीन काल में रोम का राज्य चिन्ह फैसियो अर्थात लकड़ियों का बना हुआ बोझ और एक कुल्हाड़ी था । लकड़ियों का बना हुआ बोझ राष्ट्रीय एकता का और कुल्हाड़ी राजकीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है ।
इस प्रकार रोम का प्राचीन राज्य चिन्ह राजकीय नियंत्रण के अंतर्गत राष्ट्रीय एकता का बोध कराता था। मुसोलिनी के नेतृत्व में इटालियन फांसी दल ने इस चिन्ह का प्रयोग किया और राजकीय नियंत्रण के अंतर्गत राष्ट्रीय एकता पर आधारित फासीवादी समाज व्यवस्था को अपना धेय माना।
फासीवाद की वस्तुतः कोई निश्चित परिभाषा नहीं दी जा सकती। मुसोलिनी ने फासीवाद की व्याख्या इस प्रकार की है – फासीवाद कोई ऐसा सिद्धांत नहीं है जिसके प्रत्येक बात को विस्तार पूर्वक पहले से ही स्थित कर लिया गया हो फासीवाद का जन्म कार्य किए जाने की आवश्यकता के कारण हुआ है।
इसलिए फासीवाद सैद्धांतिक होने के बजाय शुरुआत से ही व्यवहारिक है । देश के युवकों के लिए फासीवाद वस्तुतः एकता की प्रेरणा देने वाला एक संदेश और कार्यक्रम था। इसमें वाद-विवाद की तुलना में कार्य को अधिक महत्व दिया जाता था। मुसोलिनी ने स्वयं कहा था कि फासीवाद वास्तविकता पर आधारित है हम निश्चित तथा वास्तविक उद्देश्यों की प्राप्ति चाहते हैं। मेरा कार्यक्रम कार्य करना है केवल बातें करना नहीं।
सन 1924 में मुसोलिनी ने एक लेख लिखा था। जिसमें उसने कहा था कि हम फांसी वादियों में परंपरागत राजनीतिक सिद्धांतवादियों की मान्यता को तोड़ने का साहस भी है और हम श्रमिक विरोधी भी , शांतिवादी भी हैं और शांति विरोधी भी इतना ही काफी है। कि हम लोगों का एक स्थित दृष्टि बिंदु है।
राष्ट्र और सब बातें बाद की है फासीवादी विचारधारा नई व्यवस्था विशेष में विश्वास करती है। और ना किसी सिद्धांत विशेष की उपासना । जीवन को सुंदर, स्वतंत्र और विशाल बनाने वाले प्रस्तुत वस्तु को फांसीवाद चाहता है। यह विचारधारा राजनीति को उद्देश्य की सिद्धि का साधन मात्र मानती है।
नैतिकता में इसकी आस्था नहीं है इसी कारण इस विचारधारा को सत्तावादी राजनीति का सिद्धांत भी कहा जाता है। यह कहना गलत ना हो कि फासीवाद मूलता एक कार्यक्रम और एक सिद्धांत था। फिर भी समय-समय पर फांसी वादियों ने राज्य के स्वरूप और व्यक्तियों के संबंध व्यक्ति और समुदायों के संबंध आदि के विषय में अनेक मान्यताएं स्थापित की है ।और उनके आधार पर फासीवाद का सैद्धांतिक स्वरूप जान सकते हैं।
फासीवाद की विशेषताएं