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निबंध किसे कहते हैं, निबंध के तत्व, निबंध के प्रकार

निबंध किसे कहते है 

निबंध शब्द नि+बंध से बना है । जिसका अर्थ अच्छी तरह बंधी हुई परिमार्जित रचना से है ।

परिभाषा

निबंध को विद्वानों के द्वारा अनेक परिभाषा दिया गया है ।

  1. हडसन के अनुसार – निबंध लेखन के व्यक्तित्व की अभिव्यंजना का निखरा हुआ स्वरूप है।
  2. बाबू गुलाब राय के अनुसार – निबंध उस गद्य रचना को कहते हैं , जिसमें एक सीमित आकर के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन ,स्वच्छंदता , सजीवता तथा आवश्यक संगति और संबंधता के साथ किया गया हो।
  3. प्रोफेसर नलिन- निबंध स्वाधीन चिंतन और निश्छल ,सरस ,संजीव और मर्यादित गद्यआत्मक प्रकाशन है।
  4. डॉक्टर लक्ष्मी नारायण के अनुसार– निबंध से संबंधित सच्चे साहित्यिक निबंधों से है, जिनमें लेखक अपने आप को प्रकट करता है विषय को नहीं । विषय तो केवल बहाना मात्र होता है।

निबंध के तत्व

इन परिभाषाओं के आधार पर निबंध के निम्न तत्व निश्चित किया जा सकते हैं।

विषय वस्तु

निबंध का पहला तत्व उसकी विषय वस्तु है। इसी के सहारे निबंधकार अपने मनोभाव एवं विचारों को लिखता चला जाता है ।दूसरे शब्दों में प्राकृतिक दृश्य या  कोई घटना कोई विचार कोई तथ्य कुछ भी निबंध का विषय बन सकता है। निबंध तो मन का आवेग या अभिव्यंजना है। इसके भीतर भौतिक, मानसिक कोई वस्तु या विचार भावनाएं विषय वस्तु रूप में समाहित है।

भाषा शैली

निबंध के ऐसे तत्व हैं जिन्हें एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। भाषा निबंध का आकार प्रदान करती है तो शैली उस जाकर को सुसज्जित करती है। भाषा शैली के द्वारा ही विषय वस्तु को संप्रेषण के लायक बनती है।

व्यक्तित्व एवं शैली के आधार पर ही निबंध के कथानक, वर्णनात्मक, भावात्मक, विचारात्मक ,ललित आदि भेद किए जाते हैं। विषय के अनुकूल भाषा और शैली दोनों बदलती रहती है । संक्षिप्त तथा विचार संबंधता व्यक्तित्व या निजीपन की अभिव्यक्ति सजीवता तथा आवश्यक संगति निबंध की विशेषताएं हैं।

निबंध के प्रकार

निबंध को चार भागों में विभक्त किया जाता है

1 वर्णनात्मक निबंध

इसमें किसी स्थान, दृश्य ,घटना आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें घटना वातावरण के अनुसार भाषा का प्रयोग सौंदर्य दृष्टि के उद्देश्य से किया जाता है।

2 भावात्मक निबंध

जो निबंध किसी विषय का भावपूर्ण चित्रण करता है उसे भावात्मक निबंध कहते हैं। इस निबंध में कल्पना का स्थान महत्वपूर्ण होता है । भावात्मक निबंध और वर्णनात्मक निबंध में पर्याप्त समानता दिखती है।

3 विवरणात्मक निबंध

इस प्रकार के निबंधों में केवल विवरण प्रस्तुत किया जाता है । इन निबंधों में लेखक का ध्यान विषय वस्तु पर केंद्रित रहता है। विषय से हटकर लेखक वर्णन नहीं करता है।

4 विचारात्मक निबंध

इसमें भावों की अपेक्षा विचार के प्रमुखता होती है। जिनका संबंध हृदय से कम मस्तिष्क से अधिक होता है। इसमें बौद्धिक आधार पर विषय का विवेचन किया जाता है ।इसमें विचारों की गहनता होती है।

निबंध का विकास क्रम

हिंदी निबंध साहित्य का विकास आधुनिक काल में ही हुआ है। इसके विकास क्रम को चार युगों में बांटा गया है।

  1. भारतेंदु युग
  2. द्विवेदी युग
  3. शुक्ल युग
  4. वर्तमान युग

आरंभ में निबंध पत्र पत्रिकाओं के लिए लिखे गए पत्र संपादक एवं लेखक हुआ करते थे।

 

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