वर्णमाला किसे कहते हैं?
Hindi Varnmala – नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे हिन्दी वर्णमाला किसे कहते है , इसके बारे मे जानकारी देने वाले है –
हिन्दी वर्णमाला – किसी भी भाषा की अभिव्यक्ति या ध्वनियों के माध्यम से जिसके बारे मे जानकारी प्राप्त होता है। जब हम उस शब्द को बोलते हैं तब उसे ध्वनि कहते है। इसके माध्यम से अपने विचारों और भावनाओं को हम किसे दूसरे के सामने प्रकट करते हैं और सामने वाले व्यक्ति तक पहुंचाते हैं।
अगर हम विचार और भावनाएं के बारे मे लिखना चाहे तो इन ध्वनि को लिखने के लिए हमें कुछ महत्तव पूर्ण चिन्हों का उपयोग करना पड़ता है। ध्वनि के इन्हीं चिन्हों को वर्ण कहा जाता हैं। भाषा के अंदर सबसे छोटी इकाई वर्ण होता है। वर्णों के समूह को अक्षर कहा जाता है। सभी वर्णो को मिलाकर varnamala (वर्णमाला) बनता है। वर्णों को व्यवस्थित समूह में रखने को वर्णमाला कहते हैं।
हिंदी वर्णमाला के प्रकार
हिंदी व्याकरण में हिन्दी वर्णमाला ( Hindi Alphabet) को दो भागो में बाटा गया है।
- स्वर (Swar)
- व्यंजन (Vyanjan)
स्वर
वे वर्ण ,जिनके उच्चारण के लिए किसी दूसरे वर्ण की सहायता की आवश्यकता नहीं होती है या स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण ,स्वर कहलाते हैं।
- हिंदी वर्णमाला में पहले स्वरों की संख्या 14 थी।
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋ लृ लृ ए ऐ ओ औ ऋ और लृ एवं लृ दोनों का प्रयोग अब नहीं होता है। इस प्रकार अब स्वरों की संख्या 11 है।
स्वर – मात्रा
- अ
- आ – ा
- इ – ि
- ई – ी
- उ – ु
- ऊ – ू
- ऋ – ृ
- ए – े
- ऐ – ैै
- ओ – ो
- औ – ौ
हिंदी वर्णमाला में मात्रा के आधार पर स्वरों की संख्या 10 है।
अ | आ | इ | ई |
उ | ऊ | ऋ | ए |
ऐ | ओ | औ |
स्वर के प्रकार
इसके तीन भेद होते हैं।
- ह्रस्व स्वर – जिस वर्ण के उच्चारण में बहुत कम समय लगे (एक मात्रा का), उसे ह्रस्व स्वर कहते है।जैसे – अ इ उ
- दीर्घ स्वर – जिनके उच्चारण में एक मात्रा (ह्रस्व स्वर) का दूना समय लगे, उसे द्विमात्रिक या दीर्घ स्वर कहते है।
जैसे- आ ई ऊ ऋ ए ऐ ओ औ - प्लुत स्वर – जिसके उच्चारण में सबसे अधिक समय (दीर्घ स्वर से भी ज्यादा) लगता है। सामन्यतः इसके उच्चारण में एक मात्रा का तिगुना समय लगता है। जैसे – बाप रे ! रे मोहना !
स्वरों का वर्गीकरण
1- जिह्वा की ऊचाई के आधार पर –
- विवृत – आ
- अर्द्ध विवृत – ऐ औ
- अर्द्ध संवृत – ए ओ
- संवृत – इ ई उ ऊ
2- जिह्वा की उत्थापितके आधार पर –
- अग्रस्वर – इ ई ए ऐ
- मध्य स्वर – अ
- पश्चस्वर – आ उ ऊ ओ औ
3- ओष्ठों की स्थिति –
- प्रसृत – इ ई ए ऐ
- वर्तुल – उ ऊ ओ औ
- अर्धवर्तुल – आ
4- जिह्वा पेशियों के तनाव के आधार पर –
- शिथिल – अ इ उ
- कठोर – आ ई ऊ